कैप्टेन महेंद्र नाथ मुल्ला जिन्होंने अपने युद्धपोत के साथ बलिदान दिया
9 दिसंबर 1971
आईएनएस खुखरी एक भारतीय नौसेना पोत का नाम है। यह एक युद्धपोत था जिसका पूरा नाम इंडियन नेवल शिप खुखरी था, इस पोत को 1971 में हुए भारत - पाक युद्ध के दौरान 9 दिसम्बर, 1971 को युद्ध के दौरान पाकिस्तानियों ने भारत के जलपोत को अपना निशाना बनाया. भारतीय नौ सेना के कैप्टेन महेंद्र नाथ मुल्ला, उस समय खुकरी के कमांडिंग आफिसर थे। महेन्द्र नाथ मुल्ला के पास उस स्थिति में स्वंय को बचाने का अवसर था, लेकिन उस वीर सैनिक ने इनकार कर दिया ।
उन्होने अपनी लाइफ जैकेट अपने जूनियर अधिकारी को दे दी और उसे उसके साथियों के साथ जहाज से उतर जाने का आदेश दे दिया। जिस समय पूरे पोत मे आग लगी हुई है तब कैप्टेन मुल्ला अपनी सीट पर बैठे रेलिंग पकड़े हुए हैं और उनके हाथ में जलीती हुई सिगरेट थी. . कप्तान मुल्ला को देश के सम्मान में अपने अप्रतिम शौर्य और बलिदान के लिए मरणोपरांत महावरी चक्र से सम्मानित किया गया था। यह बात भी जानने लायक है कि उस घटना के बाद भारतीय नौ सेना ने 48 घंटों के भीतर ही कराची की बंदरगाह पर जबरदस्त हमला कर बंदरगाह को नष्ट कर बदला ले लिया था।
इन सभी बहादुर योद्धाओं की शहादत की स्मृति में दीव में एक स्मारक स्थापित किया गया है। इस स्मारक के पास में ही कांच में आईएनएस खुखरी के एक छोटे से मॉडल को रखा गया है। यह स्मारक समुद्र के सामने एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस स्मारक का उद्घाटन वाइस एडमिरल माधवेन्द्र सिंह ने 15 दिसम्बर 1999 को किया था, जो भारतीय नौ सेना के तत्कालीन कमांडिग - इन - चीफ फ्लैग ऑफीसर थे।
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