दिन विशेष : 14 जुलाई 2017
14 जुलाई 2017,
भारतीय साइंटिस्टों ने ढूंढी थी सूर्य से 2Cr अरब गुना बड़ी गैलेक्सीज, नाम सरस्वती रखा
नई दिल्ली. इंडियन एस्ट्रोनॉमर्स की टीम ने सूर्य से 2 करोड़ अरब गुना बड़ी गैलेक्सीज की खोज की है। इसे सरस्वती का नाम दिया गया है। पुणे की इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA) के साइंटिस्टों ने कई गैलेक्सीज के इस सुपर क्लस्टर की खोज की। बता दें कि एक क्लस्टर में 1000 से 10,000 गैलेक्सीज होती हैं और एक सुपर क्लस्टर में 43 तक क्लस्टर हो सकते हैं। साइंटिस्ट्स के मुताबिक ये स्पेस में खोजा गया अब तक का सबसे बड़ा स्ट्रक्चर है।
क्यों खास गैलेक्सीज का ये सुपरक्लस्टर...
1000 करोड़ साल पुरानी हैं।
400 करोड़ लाइट ईयर (प्रकाशवर्ष) दूर हैं।
60 करोड़ लाइट ईयर से भी ज्यादा Mass (द्रव्यमान) है।
100 गुना तक बढ़ जाता है साइज
- अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट में इस खोज के बारे में बताया गया।
- IUCAA ने कहा, "सुपर क्लस्टर कॉस्मिक वेब में मिला सबसे बड़ा स्ट्रक्चर है। ये गैलेक्सीज और गैलेक्सी क्लस्टर्स की चेन है, जो एक दूसरे से ग्रैविटी के जरिए जुड़ी हुई हैं। इसका आकार अक्सर 100 गुना तक बढ़ जाता है और इसमें हजारों गैलेक्सीज शामिल हैं।"
- खोज में शामिल IUCAA के साइंटिस्ट शिशिर सांख्यायन और रिपोर्ट के राइटर जॉयदीप बागची ने कहा, "हाल में खोजा गया सरस्वती सुपरक्लस्टर 60 करोड़ लाइट ईयर तक एक्स्टेंड हो सकता है। इसका आकार 2 करोड़ अरब सूर्यों के बराबर है। हमारी गैलेक्सी भी सुपर क्लस्टर लैनिआकी का हिस्सा है।"
- "स्लोअन डिजिटल स्काई सर्वे नाम के स्पेक्ट्रोस्कोपिक सर्वे में इस विशाल दीवार जैसी गैलेक्सी का मिलना एक आश्चर्य की तरह है।"
कई सवालों के जवाब मिलेंगे
- साइंटिस्टों ने कहा, "डाटा को एनालाइज करने के बाद ये खोज संभव हो सकती है। ये सुपर क्लस्टर साफ तौर पर कॉस्मिक फिलामेंट्स (ब्रह्मांडीय धागे) का नेटवर्क है, जिनमें कल्सटर्स और लार्ज वॉइड्स (बड़े निर्वात/शून्य) शामिल हैं। इस तरह के बड़े सुपर क्लस्टर कम ही पाए गए हैं। सरस्वती सुपर क्लस्टर इन सबसे काफी दूर है और इसकी खोज के कई ऐसे सवालों का जवाब मिलने की उम्मीद है,जो अभी तक अनसुलझे हैं। जैसे कि किस तरह इतना बड़ा और घना क्लस्टर अरबों साल पहले बना?"
ये साइंटिस्ट थे खोज में शामिल
शिशिर सांख्यायन, पीएचडी स्कॉलर, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER)
प्रतीक दबाढे, रिसर्च फेलो, IUCAA
जो जैकब, न्यूमैन कॉलेज
प्रकाश सरकार, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जमशेदपुर
- साभार बिजनेस स्टान्डर्ड और Vishwa Samvad Kendra Gujarat
नई दिल्ली. इंडियन एस्ट्रोनॉमर्स की टीम ने सूर्य से 2 करोड़ अरब गुना बड़ी गैलेक्सीज की खोज की है। इसे सरस्वती का नाम दिया गया है। पुणे की इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA) के साइंटिस्टों ने कई गैलेक्सीज के इस सुपर क्लस्टर की खोज की। बता दें कि एक क्लस्टर में 1000 से 10,000 गैलेक्सीज होती हैं और एक सुपर क्लस्टर में 43 तक क्लस्टर हो सकते हैं। साइंटिस्ट्स के मुताबिक ये स्पेस में खोजा गया अब तक का सबसे बड़ा स्ट्रक्चर है।
क्यों खास गैलेक्सीज का ये सुपरक्लस्टर...
1000 करोड़ साल पुरानी हैं।
400 करोड़ लाइट ईयर (प्रकाशवर्ष) दूर हैं।
60 करोड़ लाइट ईयर से भी ज्यादा Mass (द्रव्यमान) है।
100 गुना तक बढ़ जाता है साइज
- अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट में इस खोज के बारे में बताया गया।
- IUCAA ने कहा, "सुपर क्लस्टर कॉस्मिक वेब में मिला सबसे बड़ा स्ट्रक्चर है। ये गैलेक्सीज और गैलेक्सी क्लस्टर्स की चेन है, जो एक दूसरे से ग्रैविटी के जरिए जुड़ी हुई हैं। इसका आकार अक्सर 100 गुना तक बढ़ जाता है और इसमें हजारों गैलेक्सीज शामिल हैं।"
- खोज में शामिल IUCAA के साइंटिस्ट शिशिर सांख्यायन और रिपोर्ट के राइटर जॉयदीप बागची ने कहा, "हाल में खोजा गया सरस्वती सुपरक्लस्टर 60 करोड़ लाइट ईयर तक एक्स्टेंड हो सकता है। इसका आकार 2 करोड़ अरब सूर्यों के बराबर है। हमारी गैलेक्सी भी सुपर क्लस्टर लैनिआकी का हिस्सा है।"
- "स्लोअन डिजिटल स्काई सर्वे नाम के स्पेक्ट्रोस्कोपिक सर्वे में इस विशाल दीवार जैसी गैलेक्सी का मिलना एक आश्चर्य की तरह है।"
कई सवालों के जवाब मिलेंगे
- साइंटिस्टों ने कहा, "डाटा को एनालाइज करने के बाद ये खोज संभव हो सकती है। ये सुपर क्लस्टर साफ तौर पर कॉस्मिक फिलामेंट्स (ब्रह्मांडीय धागे) का नेटवर्क है, जिनमें कल्सटर्स और लार्ज वॉइड्स (बड़े निर्वात/शून्य) शामिल हैं। इस तरह के बड़े सुपर क्लस्टर कम ही पाए गए हैं। सरस्वती सुपर क्लस्टर इन सबसे काफी दूर है और इसकी खोज के कई ऐसे सवालों का जवाब मिलने की उम्मीद है,जो अभी तक अनसुलझे हैं। जैसे कि किस तरह इतना बड़ा और घना क्लस्टर अरबों साल पहले बना?"
ये साइंटिस्ट थे खोज में शामिल
शिशिर सांख्यायन, पीएचडी स्कॉलर, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER)
प्रतीक दबाढे, रिसर्च फेलो, IUCAA
जो जैकब, न्यूमैन कॉलेज
प्रकाश सरकार, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जमशेदपुर
- साभार बिजनेस स्टान्डर्ड और Vishwa Samvad Kendra Gujarat
14 जुलाई 2017,
भारतीय साइंटिस्टों ने ढूंढी थी सूर्य से 2Cr अरब गुना बड़ी गैलेक्सीज, नाम सरस्वती रखा
नई दिल्ली. इंडियन एस्ट्रोनॉमर्स की टीम ने सूर्य से 2 करोड़ अरब गुना बड़ी गैलेक्सीज की खोज की है। इसे सरस्वती का नाम दिया गया है। पुणे की इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA) के साइंटिस्टों ने कई गैलेक्सीज के इस सुपर क्लस्टर की खोज की। बता दें कि एक क्लस्टर में 1000 से 10,000 गैलेक्सीज होती हैं और एक सुपर क्लस्टर में 43 तक क्लस्टर हो सकते हैं। साइंटिस्ट्स के मुताबिक ये स्पेस में खोजा गया अब तक का सबसे बड़ा स्ट्रक्चर है।
क्यों खास गैलेक्सीज का ये सुपरक्लस्टर...
1000 करोड़ साल पुरानी हैं।
400 करोड़ लाइट ईयर (प्रकाशवर्ष) दूर हैं।
60 करोड़ लाइट ईयर से भी ज्यादा Mass (द्रव्यमान) है।
100 गुना तक बढ़ जाता है साइज
- अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट में इस खोज के बारे में बताया गया।
- IUCAA ने कहा, "सुपर क्लस्टर कॉस्मिक वेब में मिला सबसे बड़ा स्ट्रक्चर है। ये गैलेक्सीज और गैलेक्सी क्लस्टर्स की चेन है, जो एक दूसरे से ग्रैविटी के जरिए जुड़ी हुई हैं। इसका आकार अक्सर 100 गुना तक बढ़ जाता है और इसमें हजारों गैलेक्सीज शामिल हैं।"
- खोज में शामिल IUCAA के साइंटिस्ट शिशिर सांख्यायन और रिपोर्ट के राइटर जॉयदीप बागची ने कहा, "हाल में खोजा गया सरस्वती सुपरक्लस्टर 60 करोड़ लाइट ईयर तक एक्स्टेंड हो सकता है। इसका आकार 2 करोड़ अरब सूर्यों के बराबर है। हमारी गैलेक्सी भी सुपर क्लस्टर लैनिआकी का हिस्सा है।"
- "स्लोअन डिजिटल स्काई सर्वे नाम के स्पेक्ट्रोस्कोपिक सर्वे में इस विशाल दीवार जैसी गैलेक्सी का मिलना एक आश्चर्य की तरह है।"
कई सवालों के जवाब मिलेंगे
- साइंटिस्टों ने कहा, "डाटा को एनालाइज करने के बाद ये खोज संभव हो सकती है। ये सुपर क्लस्टर साफ तौर पर कॉस्मिक फिलामेंट्स (ब्रह्मांडीय धागे) का नेटवर्क है, जिनमें कल्सटर्स और लार्ज वॉइड्स (बड़े निर्वात/शून्य) शामिल हैं। इस तरह के बड़े सुपर क्लस्टर कम ही पाए गए हैं। सरस्वती सुपर क्लस्टर इन सबसे काफी दूर है और इसकी खोज के कई ऐसे सवालों का जवाब मिलने की उम्मीद है,जो अभी तक अनसुलझे हैं। जैसे कि किस तरह इतना बड़ा और घना क्लस्टर अरबों साल पहले बना?"
ये साइंटिस्ट थे खोज में शामिल
शिशिर सांख्यायन, पीएचडी स्कॉलर, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER)
प्रतीक दबाढे, रिसर्च फेलो, IUCAA
जो जैकब, न्यूमैन कॉलेज
प्रकाश सरकार, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जमशेदपुर
- साभार बिजनेस स्टान्डर्ड और Vishwa Samvad Kendra Gujarat
नई दिल्ली. इंडियन एस्ट्रोनॉमर्स की टीम ने सूर्य से 2 करोड़ अरब गुना बड़ी गैलेक्सीज की खोज की है। इसे सरस्वती का नाम दिया गया है। पुणे की इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA) के साइंटिस्टों ने कई गैलेक्सीज के इस सुपर क्लस्टर की खोज की। बता दें कि एक क्लस्टर में 1000 से 10,000 गैलेक्सीज होती हैं और एक सुपर क्लस्टर में 43 तक क्लस्टर हो सकते हैं। साइंटिस्ट्स के मुताबिक ये स्पेस में खोजा गया अब तक का सबसे बड़ा स्ट्रक्चर है।
क्यों खास गैलेक्सीज का ये सुपरक्लस्टर...
1000 करोड़ साल पुरानी हैं।
400 करोड़ लाइट ईयर (प्रकाशवर्ष) दूर हैं।
60 करोड़ लाइट ईयर से भी ज्यादा Mass (द्रव्यमान) है।
100 गुना तक बढ़ जाता है साइज
- अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट में इस खोज के बारे में बताया गया।
- IUCAA ने कहा, "सुपर क्लस्टर कॉस्मिक वेब में मिला सबसे बड़ा स्ट्रक्चर है। ये गैलेक्सीज और गैलेक्सी क्लस्टर्स की चेन है, जो एक दूसरे से ग्रैविटी के जरिए जुड़ी हुई हैं। इसका आकार अक्सर 100 गुना तक बढ़ जाता है और इसमें हजारों गैलेक्सीज शामिल हैं।"
- खोज में शामिल IUCAA के साइंटिस्ट शिशिर सांख्यायन और रिपोर्ट के राइटर जॉयदीप बागची ने कहा, "हाल में खोजा गया सरस्वती सुपरक्लस्टर 60 करोड़ लाइट ईयर तक एक्स्टेंड हो सकता है। इसका आकार 2 करोड़ अरब सूर्यों के बराबर है। हमारी गैलेक्सी भी सुपर क्लस्टर लैनिआकी का हिस्सा है।"
- "स्लोअन डिजिटल स्काई सर्वे नाम के स्पेक्ट्रोस्कोपिक सर्वे में इस विशाल दीवार जैसी गैलेक्सी का मिलना एक आश्चर्य की तरह है।"
कई सवालों के जवाब मिलेंगे
- साइंटिस्टों ने कहा, "डाटा को एनालाइज करने के बाद ये खोज संभव हो सकती है। ये सुपर क्लस्टर साफ तौर पर कॉस्मिक फिलामेंट्स (ब्रह्मांडीय धागे) का नेटवर्क है, जिनमें कल्सटर्स और लार्ज वॉइड्स (बड़े निर्वात/शून्य) शामिल हैं। इस तरह के बड़े सुपर क्लस्टर कम ही पाए गए हैं। सरस्वती सुपर क्लस्टर इन सबसे काफी दूर है और इसकी खोज के कई ऐसे सवालों का जवाब मिलने की उम्मीद है,जो अभी तक अनसुलझे हैं। जैसे कि किस तरह इतना बड़ा और घना क्लस्टर अरबों साल पहले बना?"
ये साइंटिस्ट थे खोज में शामिल
शिशिर सांख्यायन, पीएचडी स्कॉलर, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER)
प्रतीक दबाढे, रिसर्च फेलो, IUCAA
जो जैकब, न्यूमैन कॉलेज
प्रकाश सरकार, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जमशेदपुर
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