मंगलवार, 25 सितंबर 2018

आयुष्मान भारत योजना : कुछ विशेष

23 सितंबर 2018 को रांची में जिस का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री ने कीया और जो योजना आज से यानी 25 सितंबर 2018 से कुल 10.74 करोड़ लोगों को मिलनी शुरू हो जाएगी वह योजना जिसे विश्व की सबसे बड़ी आरोग्य बीमा योजना बताया गया है ऐसी आयुष्मान भारत योजना क्या है ? और कीसके लिए है ? यह जानकारी होना आवश्यक है, वैसे हमने ईस लेखांक के प्रथम खंड में भारत की वर्तमान स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, स्थिति की समीक्षा की थी । https://devenzvoice.blogspot.com/2018/09/blog-post_24.html?m=1
आज आयुष्मान भारत योजना को विस्तृत रूप से समजने एवं जानने का प्रयास करते हैं।
आयुष्मान भारत योजना में भारत के कुल 36 राज्य- केन्द्र शासित प्रदेशों में से 29 राज्य – केन्द्र शासित प्रदेश शामिल हो चुके है। ओडिशा ने यह कहकर योजना में शामिल होने से मना कर दिया है कि राज्य में राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही बीजु स्वास्थ्य कल्याण योजना अधिक बेहतर है जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना का नाम मुख्यमंत्री आम आदमी बीमा योजना – आयुष्मान भारत रखने की मांग कर इस योजना में शामिल होने से मना कर दिया है तो कुछ राज्यों ने आने वाले विधानसभा चुनावों के कारण इस योजना में शामिल नहीं होने की बात कही है। दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, केरल और पंजाब जैसे राज्यों ने केन्द्र सरकार के साथ इस योजना से जुड़ने के लिए मेमोरेंडम ओफ अन्डरस्टेन्डींग (MoU) कीया नहीं है यह राज्य सरकारें ऐसी ही अपनी खुद की योजना चाहतें हैं या उनके वहां ऐसी ही कोई योजना चल रही है।
आयुष्मान भारत योजना में लाभार्थियों की सूची को SECC 2011 के आधार पर तय किया है । SECC 2011 के आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में से D1, D2, D3, D4, D5 और D7 कैटेगरी के नागरिकों को इस योजना में शामिल किया जाएगा वहीं शहरी क्षेत्रों में से कूड़ा उठाने वाले, प्लंबर, कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले, मोची, सडक पर काम करने वाले लोग, मजदूर, सिक्योरिटी गार्ड, वेल्डर, कुली और भार ढोने वाले, फेरी वाले जैसे 11 पूर्व निर्धारित पेशे/कार्य करनेवाले लोग शामिल हो सकते हैं। आंकड़ों की मानें तो करीब 10.74 करोड़ परिवार इसके हकदार होंगे जिसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में से 8.03 करोड़ एवं शहरी क्षेत्रों में से 2.33 करोड़ परिवारों की पहचान गरीबों एवं वंचितों के तौर पर की जा चुकी है।
विश्व की सबसे बड़ी आरोग्य बीमा योजना बताया गया है ऐसी इस योजना में पैसा कहां से आयेगा यह सबसे अहम प्रश्न है । इस योजना के लिए केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार दोनों साथ मिलकर आर्थिक खर्च का वहन करेंगे जीस में केन्द्र का हिस्सा 60% रहेगा और राज्य 40% खर्च अपने कंधे पर उठायेंगे। एक अनुमान के मुताबिक प्रति परिवार प्रीमीयम का खर्च ₹1000 से ₹1200 आ सकता हैं । मौजूदा वित्त वर्ष में इस योजना के तहत केन्द्र को करीब ₹3500 करोड़ का बोज आयेगा, केन्द्र ने अपने 2018-19 के बजेट में इस योजना के लिए टोकन के तौर पर ₹2000 करोड़ रुपए का आवंटन पहले ही किया हुआ है।
आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को सरकारी एवं नीजी, प्राईवेट अस्पतालों में इलाज उपलब्ध होगा। इस योजना में अब तक करीब 10000 अस्पतालों को चुनागया है, तकरीबन 15500 अस्पतालों के द्वारा इस योजना में जुड़ने के लिए आवेदन किया गया है जिसमें से आधे अस्पताल प्राइवेट है। जिन 10000 अस्पतालों को चुना गया है उनमें सरकारी एवं प्राईवेट अस्पतालें भी शामिल हैं ।
इस योजना में कुल 1354 बिमारियों की सूची बनाई गई है जीसका इलाज कराने के लिए अधिकतम ₹5,00,000 तक की राशि का भुगतान इस योजना के तहत चुकाने की बात है। इन 1354 बिमारियों में दांतों की सर्जरी, कैन्सर की सर्जरी एवं किमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, ह्रदय की बायपास सर्जरी, आंखों की सर्जरी, रीढ की सर्जरी, एमआरआई, सीटी स्कैन, न्युरो सर्जरी जैसे इलाज को शामिल किया गया है ।
इस योजना में शुरुआत में 10.74 करोड़ परिवारों के करीब 50 करोड़ को लाभान्वित किया जाएगा जिनकी पहचान गरीबों एवं वंचितों के तहत की जा चुकी है। इन परिवारों को पैनल में शामिल सरकारी एवं प्राईवेट अस्पतालों में प्रतिवर्ष ₹5,00,000 तक का इलाज करवा सकते हैं जो कि संपूर्णत: कैशलैस होगा। आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत से ही देश के करीब 10,000 सरकारी एवं प्राईवेट अस्पतालों में 2.65 लाख बैड की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं किया गया है। अगर कोई भी व्यक्ति इस योजना के लिए पात्र है तो उसे अपनी पहचान स्थापित करनी होंगी जिसके लिए आधार कार्ड, चुनाव पहचान पत्र, राशन कार्ड जैसे पहचान पत्रों की आवश्यकता रहती है।
आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी को इस योजना में शामिल सरकारी या निजी अस्पताल में भर्ती होने के लिए कीसी भी प्रकार का शूल्क नहीं देना होगा । अस्पताल में भर्ती होने से लेकर संपूर्ण इलाज तक का भुगतान अधिकतम ₹5,00,00 तक इस योजना में कवर कीया जाएगा। अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के इलाज के खर्च भी कवर कीया जाएगा। इस योजना में शामिल सभी अस्पताल पर एक हैल्प डेस्क होगा, यह हैल्प डेस्क जो दर्दी के दस्तावेज चेक करने, योजना में नामांकन के लिए एवं वेरिफिकेशन में मदद करेगा। हैल्प डेस्क पर आयुष्मान मित्र तैनात किए जाएंगे जो दर्दी को इस योजना के लाभ दिलाने में मदद करेंगे।
कोई भी व्यक्ति इस योजना के लिए बनी अंतिम सूची में अपनी पात्रता खुद ही पता कर सकता है इसके लिए आयुष्मान भारत योजना का संचालन जिस सरकारी एजेंसी को दिया गया है वो नैशनल हेल्थ एजेंसी ने एक वेबसाइट https://mera.pmjay.gov.in/search/loginऔर एक नि:शूल्क हैल्पलाईन नंबर 14555 जारी किया है।

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